School Merger Supreme Court News: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के विलय पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के माध्यम से फैसला दिया गया है जिसके बाद उत्तर प्रदेश के 10827 से अधिक सरकारी विद्यालय पर खतरे की लगातार अब लटक चुके हैं। लेकिन इसके बाद ही शिक्षक को ने हार नहीं माना है और उन्होंने हाई कोर्ट फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट का उन्होंने दोबारा जा कोर्ट आया है। सुप्रीम कोर्ट का रूप देखते हुए ऐसा लग रहा है कि आने वाले समय में शिक्षकों की जीत है।
सुप्रीम कोर्ट सरकार के फैसले के खिलाफ करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से कम छात्र वाले 10000 से अधिक प्राइमरी विद्यालय को दूसरे प्राइमरी विद्यालय में विलय किए जाने के उत्तर प्रदेश के सरकार के फैसले के खिलाफ सुनवाई करने पर सहमत हो चुका है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के माध्यम से राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने अली या चिता को अरेंज कर दिया गया है था। जस्टिस जैन माल्या की पीठ के द्वारा इस मामले को इसी सप्ताह किए जाने पर सहमति जताया गया है। हालांकि जस्ट टीम शोल्ड जगत के माध्यम से कहा गया है कि यह नीतिगत फैसला है लेकिन सरकारी स्कूल अब बंद किया जा रहा है तो वह इस मुद्दे की सुनवाई हेतु पूरी तरीके से तैयार है और याचिका करता तैयब खान सलमानी के माध्यम से पेश अधिकता प्रदीप यादव के द्वारा टोटल सनी का अनुरोध किया गया है।
यूपी के 10827 विद्यालय का होना है विलय
याचिका के माध्यम से राज्य सरकार की स्कूल के बिल्लू के जाने के निर्णय को बताया गया है याचिका करता ने यही दवा क्या है स्कूलों के बिलों की प्रक्रिया बच्चों को एक किलोमीटर से ज्यादा पैदा चलना कर स्कूल जाना अब पड़ेगा। जो की तौर पर संविधान के अनुच्छेद 21 है और बच्चों के मुफ्त अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का पूरी तरह से आंदोलन है और राज्य सरकार के फैसले के तहत 130000 प्राथमिक विद्यालय में से कम छात्र वाले दक्ष 827 विद्यालय का विश्वविद्यालय में विलय होना है।
बच्चों पर क्या पड़ेगा असर जानिए
स्पा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के माध्यम से यह कहां गया कि प्रदेश सरकार का 10000 से ज्यादा प्राथमिक विद्यालय का बंद किए जाने का फैसला बच्चों के भविष्य पर को तबाह करने जा रही हैं। वर्तमान सरकार कोई है निर्णय वापस लेना चाहिए और स्कूल बंद करने पर रख लगाना चाहिए ताकि गरीबों को शिक्षा से वंचित होना पड़े और प्रदेश में हजारों की संख्या में जो स्कूल बंद होने जा रहे हैं। इसका आसान बालिकाओं की शिक्षा पर बहुत ज्यादा पड़ेगा गांव में गरीब परिवार के बच्चों गोरी से दर्द किस प्रकार स्कूल जा पाएंगे उन्होंने यह कहा की सरकार अपने इन निर्णय पर नौनिहालों कोई स्कूल जाने से वंचित न होना पड़े और उनके शिक्षा अच्छी मिल पाए।
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